जिस तरह इस जहाँ में
अम्बर सदा नीला होगा
उसी तरह तेरा दिया हुआ
हर ज़ख्म बार बार हरा होगा
मेरे जिस्म में बहने वाले खून की तरह
तेरी मांग में सिन्दूर लाल भरा होगा
मेरा नाम जब भी तेरे नाम के साथ लिया जाएगा
तेरा चेहरा लाल पीला होगा
मेरा दिल उजालों में ढूंढ़ना , क्योंकि
वोह जला है जाने कितनी बार उसका रंग कला ही होगा
मेरी दागे जिंदगी को जिससे तुम ढकोगे
उस कफ़न का रंग सफ़ेद होगा
No comments:
Post a Comment