Thursday, July 9, 2009

कोई ना कोई तो जीतेगा


कुछ लोगों को बेमतलब व बेवजह अनाप शनाप बातें करने की आदत होती है साथ ही साथ बोलते समय वे इस बात को समझ नही पाते की वे क्या बोल रहें है । जब वे बोलतें हैं तो समझते नही और जब समझते है तो ...... । एक दिन में और मेरा सहकर्मी एक क्रिकेट मैच खेलने जा रहे थे । विपक्षी टीम के बारे में जब मैंने जानना चाहा तो वो बड़े ही भावावेश में बोला - सर , आज का मैच बड़ा ही जोरदार होगा । देखना कोई ना कोईं टीम ज़रूर जीतेगी ।

"इसमे राज़ की बात क्या थी।"

PG KA MATLAB


आज की पीढी केवल पढ़ रही है समझ कितना रही है । इनकी समझ का नज़ारा देख लीजिये ।

एक इंटरव्यू में पुछा गया - क्या आपने पी.जी किया है ?

तो जवाब इस तरह था - सर मैंने पीजी तो नही किया है अलबत्ता M.A. किया हुआ है ।



कानून के हाथ


क्या आपने सुना है -"कानून के हाथ लंबे होतें हैं"

आपने यकीनन सुना हो मगर हमने देखा है - तभी तो पुलिसवाले टेबल के निचे से ही नहीं लेते बल्कि टेबल के निचे से हाथ डालकर सामने वाले की जेब से निकाल लेते हैं ।

वसीयत


वसीयत

लम्बी बीमारी में पड़ने पर पत्नी ने बीमार पति से कहा - "डार्लिंग, तुम अपना कारोबार, घर की वसीयत, कार आदि मेरे नाम कर जाना । कुछ दिनों के बाद पति महोदय स्वर्ग सिधार गए और वसीयत पत्नी के नाम कर गए । जिसमे उन्होंने लिखा -

प्रिये ! मैंने तुम्हारे कहे अनुसार अपने कारोबार की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी है इसमे मैंने अपने दोस्त अनिल से दस लाख और बैंक से पाँच लाख उधार लेकर लगाये थे । अगले माह वे तुमसे पैसे लेने आयेंगे मैंने वसीयत की एक कॉपी उन्हें भी भेज दी है । तुम कंपनी को बेचने की कोशिश मत करना क्योंकि उसमे हमारा शेयर केवल १० प्रतिशत का है जिसके एवज में तुम्हे दो लाख रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगा । अपना बंगला जिसमे हम रह रहे हैं उसे भी बेचने की कोशिश मत करना क्योंकि वो रामलाल का है । उसे में हर माह ऑफिस से किराया दिया करता था । बंगले के कागजात जो तुम्हारे पास हैं वे सब नकली हैं और हाँ कार के चरों पहिये निकलवा कर उस्मान भाई को दे देना ये सब उनकी दूकान का सामन है । कार का इंजन इंश्योरेंस कंपनी वाले आकर ले जायेंगे ।

तुम्हारा और सिर्फ़ तुम्हारा

पति


खाली हाथ


खाली हाथ


कैसे हमने दिन है काटें


कैसी कटी रात ,


किससे रिश्ते नाते जोड़े


किनका छूटा साथ


किससे हमने बाज़ी जीती


किससे खाई मात


लेकिन सब कुछ पाकर भी हैं


मेरे खाली हाथ



ये टाइटल SONG दूरदर्शन पर प्रसारित ८० के दौर के धारावाहिक से लिया गया है

खाली हाथ

KHUBSSORAT SAMA


कितना ख़ूबसूरत समां था । मेरी नज़रें उसके संगमरमरी बदन पर पड़ती,मेरे शरीर का रोम रोम उसके स्पर्श की कल्पना में , दिल बार बार उस उपरवाले का शुक्रिया अदा करता जिसने उसे हमें अपने करीब लाने का मौका दिया । ये तमाम बातें किसी सपने की तरह हैं। जैसे ही उसकी नज़रें मेरी नज़रों से मिलती - वो कल्पना एक सपने की तरह से बिखर जाती । मैं मुस्कुरा उठता , सोचता - सचमुच ! वो एक सपने के सामान है।

वो हर बार अपनी जुल्फों को सवांरती, हसीं लबों को पोछती । अपने आँचल को संजोती , थोड़ा कसमसाती कुछ बुदबुदाती है और आखिरकार पूछती है- क्या हम जोकर लग रहें हैं ? मैं कहता -" नही तो " ! वो फिर पूछती - " तो फिर आप हमें देखकर मुस्कुरा क्यों रहें है ? मैं फिर मुस्कुरा उठता । क्या जवाब दूँ उसे मैं ।
पेंटिंग निलोफेर की वेबसाइट सी ली गयी हैं । थैंक्स फॉर गुड पेंटिंग्स ।

यादों का झरोखा


यादों का झरोखा खुला ही था अभी

सर्द हवा ने झझकोर दिया

कुछ यादें ताज़ा हुईं

कुछ ज़ख्म उभर आए

यादों के परिंदों ने उडाने भरीं

वो एक शाख SE दूसरी शाख बैठ आए

जिंदगी की शाम आयी

यादों के परिंदे अपने आशियाने को लौट आए

Friday, July 3, 2009

आईसेक्ट बस्तर का शुभारम्भ


दिनांक १ जुलाई २००९ बस्तर जिले में एक और आईसेक्ट शाखा का शुभारम्भबस्तर जिले में एक और आईसेक्ट शाखा का शुभारम्भ किया गया . इस अवसर पर पी.एच.ई. व आदिम जाती विकास कल्याण मंत्री श्री केदार कश्यप व क्षेत्रीय विधायक श्री सुभाऊ राम कश्यप व जनपद अधक्ष श्री तानसेन कश्यप उपस्तिथ थे . सर्वप्रथम मंत्रीगणों के आगमन पर सुश्री गीता पटनायक ने पुष्प गुच्छ द्वारा उनका स्वागत किया. जिला प्रबंधक खालिद मीर ने माला द्वारा सभी का स्वागत किया . इसके पश्चात श्री केदार कश्यप व श्री सुभाऊ राम कश्यप ने रिबन काटकर संस्थान का विधिवत उद्घाटन किया . अंदर पहोंचकर श्री केदार कश्यप ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष अगरबत्ती जलाकर व श्री सुभाऊ राम कश्यप जी ने दीप जलाकर पूजा अर्चना की. इसी तारतम्य में श्री तानसेन कश्यप ने माँ सरसवती को फूलों की माला अर्पित की. इसके पश्चात् श्री केदार कश्यप और श्री सुभाऊ राम कश्यप ने कंप्यूटर के आगे बैठकर उसे ओं कर कंप्यूटर लैब की शुरुवात की.इसके पश्चात् श्री सुभाऊ राम कश्यप ने जो शब्द कहे वे इस संस्थान के विषय में काफी हैं उन्होंने कहा - यहाँ आकर मुझे ऐसा लगा में किसी बड़े शहर में आ पहुंचा हूँ . जबकि पी.एच.ई. व आदिम जाती विकास कल्याण मंत्री श्री केदार कश्यप ने यह तक पूछ डाला की इसमें कितने विद्यार्थी एक साथ पढ़ सकेंगे . इसके पश्चात् श्री खालिद मीर ने पी.एच.ई. व आदिम जाती विकास कल्याण मंत्री श्री केदार कश्यप को आईसेक्ट की ओर से मोमेंटो के स्वरूप भगवान गणेश की लकडी की प्रतिमा भेंट की. सभी उपस्तिथ गनों ने इस केंद्र के उद्घाटन पर ख़ुशी ज़ाहिर की. तक़रीबन ३० मिनट तक रुकने व आईसेक्ट के बारे में जानने के बाद सभी मंत्रीगण विदा हुए .